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कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा रबी सीजन के प्रबंधों का जायजा, किसानों के पास पहुँच करके गेहूँ खरीदने की प्रणाली के लिए विस्तृत प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा रबी सीजन के प्रबंधों का जायजा, किसानों के पास पहुँच करके गेहूँ खरीदने की प्रणाली के लिए विस्तृत प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा
  • PublishedApril 3, 2020

डी.बी.टी. की बजाय आड़तियों के द्वारा किसानों को अदायगी जारी रखने के लिए नियमों में बदलाव के आदेश दिए

डी.जी.पी. को जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए कहा

मुख्य सचिव ने कहा कि अपेक्षित सप्लाई की गति निर्विघ्न चल रही और आगे और तेज किया जाएगा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पंजाब सरकार की विनती पर अप्रैल 2020 के सी.सी.एल. के लिए 22,936 करोड़ रुपए मंजूर किए

चंडीगढ़, 3 अप्रैल:रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पंजाब सरकार की ओर से किए गए अनुरोध पर अप्रैल 2020 की नकद कर्ज हद (सी.सी.एल.) के लिए 22,936 करोड़ रुपए मंजूर कर लिए गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को राज्य के कृषि और खाद्य विभागों को कोविड-19 के चलते रबी सीजन में जमावड़े को रोकनेे के लिए मंडियों से 1-2 किलोमीटर की दूरी वाले गाँवों में किसानों तक पहुँच करके गेहूँ की खरीद करने के ढंग पर काम करने को कहा है।मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा रबी की फसल की कटाई और मंडीकरण प्रबंधों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस नाजुक समय में ऐसी व्यवस्था लागू की जाये कि किसानों को कम से कम बाहर निकलना पड़े।

खाद्य एवं सिविल सप्लाई के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा द्वारा यह बताए जाने पर कि इस सीजन से किसानों को सीधी अदायगी की शुरुआत की जानी थी, के बाद कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को भी निर्देश दिए कि किसानों को आढ़तियों के द्वारा फसल की अदायगी करने के लिए नियमों में संशोधन किया जाये और मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल सीधे बैंक ट्रांसफर (डी.बी.टी.) की प्रणाली को टाल दिया जाये।जरूरी वस्तुओं की कमी और जमाखोरी का सख्त नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने सीनियर अधिकारियों की समिति बनाने के लिए कहा जो जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर रोजमर्रा की निगरानी रखेगी।

उन्होंने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को निर्देश दिए कि जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये।मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने मीटिंग में जानकारी दी कि ट्रकों की सुविधाजनक संचालन से जरूरी वस्तुओं की सप्लाई यकीनी बनाई जा रही है क्योंकि कुल ट्रकों में से 35-40 प्रतिशत ट्रक अभी चल रहे हैं। इस प्रक्रिया को और सुचारू बनाया जायेगा क्योंकि आने वाले दिनों में अधिक से अधिक ट्रकों को राज्य और सभी जिलों में सप्लाई लाने की आज्ञा दी जायेगी।गेहूँ की खरीद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा दूर स्थित मंडियों के लिए किसानों को उबर जैसी व्यवस्था की तर्ज पर लाने के सुझाव पर भी विचार करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुख्य सचिव के गेहूँ की घरों से खरीदकर लाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं यदि वह इस संभावना को यकीनी बनाने के लिए व्यापक रूपों पर काम करें।मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि राज्य में 50 प्रतिशत के करीब गाँव मंडियों के साथ लगते हैं और वहाँ के किसानों को मंडी में जाने के लिए एक तय समय के लिए थोड़ी संख्या में कफ्र्यू के पास जारी किये जा सकते हैं। मंडियों से दूर गाँवों के लिए उन्होंने खरीद के लिए वहां कर्मियों को भेजने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आढ़तीे जो मौजूदा समय में मंडियों में फसल का प्रबंध कर रहे हैं, को इन गाँवों में यह कार्य संभालने का जिम्मा सौंपा जाये।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव को विस्तृत प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा जिससे अगले दिनों में इस सम्बन्धी अंतिम फैसला लिया जा सके। उन्होंने खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ खरीद के कुल दिनों में विस्तार करने के हुक्म दिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि मंडियों में किसानों की भीड़ एकत्रित न हो।मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि खरीद प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 के संबंधी एहतियाती कदमों का पूरा पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शनिवार को मंत्री मंडल की होने वाली मीटिंग के दौरान इन प्रबंधों की फिर से समीक्षा की जायेगी।अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विसवाजीत खन्ना ने बताया कि देरी से फसल मंडी में लाने वाले किसानों को मुआवजा देने बारे राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पहले ही सुझाव दिया जा चुका है और यह कदम मंडियों और खरीद केन्द्रों में भीड़ को रोकने में सहायक सिद्ध होगा क्योंकि किसान अपनी फसल देर से मंडियों में लाने के लिए उत्साहित होंगे।

उन्होंने कहा कि इस साल कुल 1.8 लाख मीट्रिक टन गेहूँ मंडियों में आने की उम्मीद है। कम्बाईनों को 15 अप्रैल के बाद खेतों में चलने की इजाजत दी जायेगी।आगामी खरीद सीजन के लिए किये गए अन्य प्रबंधों संबंधी मुख्यमंत्री को अवगत करवाते हुए श्री खन्ना ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूट मिलों को 6 अप्रैल तक बंद रखने के हुक्म दिए हैं और यह न खुलने पर पंजाब में बोरियों की कमी पी.पी. थैलों से पूरी की जाये जो इस समय उत्पादन अधीन हैं। उन्होंने बताया कि खरीद सीजन के दौरान 5 लाख बोरियों की जरूरत है जिनमें से अब 2.5 लाख बोरियाँ हासिल हुई हैं।श्री खन्ना ने आगे बताया कि तिरपालों और जाल के लिए ऑर्डर दे दिए गए हैं क्योंकि खरीदा गया बहुत स्टॉक खुले में भंडारित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा लकड़ी के 6 लाख बक्सों का बंदोबस्त भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मजदूरों और ट्रांसपेर्ट के ठेके का काम मुकम्मल कर लिया गया और फसल के भंडारण के लिए जगह भी निर्धारित कर ली है।श्री खन्ना ने बताया कि खरीद एजेंसियों के स्टाफ और किसानों को आड़तियों के जरिये मास्क बाँटने और सफाई के लिए प्रबंध किये गए हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक दूरी के लिए मंडियों में स्थानों को बाँट कर निशानदेही की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग_ों को भी दूरी के साथ रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि खरीद सीजन का पूरा जोर पडऩे पर प्रशासन/पुलिस द्वारा जारी किये टोकन हासिल करने वाले किसानों से भी फसल स्वीकार की जायेगी।मीटिंग में आगे बताया गया कि सभी जिलों में लगभग प्रवासी मजदूरों के 1498 कलस्टर बनाए गए हैं और इसके अलावा 162 शेल्टर/राहत केंद्र भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मजदूरों की कमी पूरी करने के लिए मनरेगा कामगारों की सेवाएं ली जाएंगी।

Written By
The Punjab Wire